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ताना-बाना / चंद्र कुमार जैन

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रचनाकार: चंद्र कुमार जैन

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फूल खिले
झर गये
कॉटे मिले
बिखर गये
सुख आया
चला गया
दु:ख आया
नहीं रहा
मिलना और बिछुड़ जाना
यही है जीवन का ताना-बाना
नियम बस एक ही है
यहॉ जो आज है
वह कल नहीं है...