Last modified on 15 अक्टूबर 2010, at 16:38

आज ही तो हुआ था / केदारनाथ अग्रवाल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:38, 15 अक्टूबर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=मार प्यार की थापें / के…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आज ही तो हुआ था
मेरा जन्म
अरसठ वर्ष पूर्व।

तब से आज तक
बराबर जिया
और आगे भी
दीर्घ काल तक जियूँगा
कि जब मरूँ
तो संसार को सँवारते-सँवारते मरूँ,
सँवारने का सुख
भोगते-भोगते मरूँ।

रचनाकाल: ०१-०४-१९७८