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नज़्म / मुज़फ्फ़र ‘आज़िम’

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बाँध रख सकेगी हवा को मुट्ठी में?
झुला सकेगी लपटों को गोदी में?
तो फिर यहां
किसे आई भरमाने,
पगली!

शब्दार्थ
<references/>