Last modified on 30 अप्रैल 2019, at 15:39

यूँ न बेदर्द बनकर रहा कीजिए / मृदुला झा

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:39, 30 अप्रैल 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मृदुला झा |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatGhazal...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मेरे म की तो कोई दवा कीजिए।

आप चाहत लिए घूमते हैं अगर,
मुफलिसों का सहारा बना कीजिए।

दर्द देकर उन्हें भूलना है अगर,
उसकी गलियों में यूँ मत फिरा कीजिए।

आप काँटों से बचकर चलें या नहीं,
बेवफ़ाओं से बचकर चला कीजिए।

जानो-दिल से है जो आप ही के लिए,
इस कदर तो न उसको छला कीजिए।