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यारास्लाव सायफ़र्त
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यारास्लाव सायफ़र्त

| जन्म | 23 सितम्बर 1901 |
|---|---|
| निधन | 10 जनवरी 1986 |
| जन्म स्थान | झिझकोव, आस्ट्रिया-हंगरी |
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| डाक-कबूतर (1929), आठ दिन (1937, चेकोस्लोवाकिया के प्रथम राष्ट्रपति मसारिका की मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में कविताएँ), बत्तियाँ बुझा दो (1938), बोझेन्ना निमत्सोवा का पंखा (1940), रोशनी के कपड़ों में (1940), पत्थर का पुल (1940), मिट्टी का शिरस्त्राण (1945) | |
| विविध | |
| पेशे से पत्रकार थे।1949 के बाद पत्रकारिता छोड़कर पूरी तरह से साहित्य को समर्पित। कविताओं के अलावा ढेर सारे निबन्ध भी लिखे। 1984 में नोबल पुरस्कार मिला। | |
| जीवन परिचय | |
| यारास्लाव सायफ़र्त / परिचय | |

