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चेतावणी / मीठेश निर्मोही

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|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]{{KKCatRajasthaniRachna}}{{KKCatKavita‎}}<poem>बीसवै सईकै रै सेड़ै
कठै पूगग्या हां म्हे ?
कांई गीत
अर
कांई बात !
तरसै गीतां नै कंठ
रांचै पाठकां नै
कविता अर सबद ।सबद।
वेलै माईतां सारू
टाबर
अर बेटा सारू
तात ।तात।
संभाळौ, सभाळौ,
अर सभाळौ
नींतर व्हैला
आपघात ।आपघात।
</poem>
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