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* [[खरोंच / वंदना गुप्ता]]
* [[शतरंज के खेल मे शह मात देना अब मैने भी सीख लिया है / वंदना गुप्ता]]
* [[और श्राप है तुम्हें मगर तब तक नहीं मिलेगा [तुम्हें पूर्ण विराम / वंदना गुप्ता]]
* [[देखा है कभी राख़ को घुन लगते हुए? / वंदना गुप्ता]]
* [[नहीं है मेरी कविता का कैनवस इतना विशाल / वंदना गुप्ता]]
* [[अपेक्षाओं के सिन्धु / वंदना गुप्ता]]
* [[क्योंकि तख्ता पलट यूँ ही नहीं हुआ करते / वंदना गुप्ता]]
* [[ये मौन के ज्वालामुखी किस टंकार के इंतज़ार में हैं ??? / वंदना गुप्ता]]
* [[होती है 'लाइफ़ आफ़्टर डैथ' भी / वंदना गुप्ता]]
* [[लेखन के संक्रमण काल मे / वंदना गुप्ता]]

