भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
खुलने को खुल गया मगर अच्छा नहीं हुआ
जो राज़, राज़, राज़ रहा सालह इतने साल से
संगीत मेरा हो तो तेरा गीत हो कोई
भारत में है अनाज बहुत अब मेरे 'रक़ीब'
कितने ही लोग मरते थे पहले अकाल से
 
</poem>
493
edits