भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विनय प्रजापति 'नज़र'|संग्रह=
}}
'''लेखन वर्ष[[Category: २००५''' <br/><br/>ग़ज़ल]]
साँसों में दर्द भरा है<br/>हर मन्ज़र हरा है<br/><br/Poem>
वह पहली नज़र से<br/>
इस दिल में ठहरा है<br/><br/>
हर शय साँसों में वह दर्द भरा है<br/>और उसका चेहरा हर मन्ज़र हरा है<br/><br/>
दर्द सिमटता नहीं<br/>वह पहली नज़र सेहाल हर पल बुरा इस दिल में ठहरा है<br/><br/>
अँधेरों की आदत नहीं<br/>हर शय में वह हैजुगनुओं का पहरा और उसका चेहरा है<br/><br/>
दर्द सिमटता नहींहाल हर पल बुरा है अंधेरों की आदत नहींजुगनुओं का पहरा है वह पसंद है मुझे<br/>उसका दिल गहरा है<br/><br/> '''रचनाकाल : 2005
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,728
edits