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सख़्त मुश्किल है कि ये काम भी आसाँ निकला
दिल में, फिर गिरिया<ref>रोने-धोने</ref> ने इक शोर उठाया, "ग़ालिब" आह! जो क़तरा न निकला था, सो तूफ़ां तूफ़ाँ निकला
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