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शाम से पहले / संज्ञा सिंह
Kavita Kosh से
धूप उतरने वाली है
चिड़िया के चहचहाने की आवाज़ है यह
चिड़िया के चोंच में
कोई सन्देश है तुम्हारे लिए
मुमकिन है
हो जाए वह शाम से पहले
किसी बाज़ का शिकार
और न ला पाए
कोई सन्देश किसी के लिए
कल
रचनाकाल : 1995, विदिशा

