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'महशर' इनायती
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'महशर' इनायती
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जन्म | 1909 |
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निधन | 1976 |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'महशर' इनायती / परिचय |
ग़ज़लें
- आँख में आँसू गुम औसान / 'महशर' इनायती
- अब तो उकता ये गए बहार-ए-सफ़र हम भी चलें / 'महशर' इनायती
- बे-रंग थे आरज़ू के ख़ाके / 'महशर' इनायती
- दौर आया है शादमानी का / 'महशर' इनायती
- दूर ऐसे फ़लक-ए-मैहर-ए-जबीं हो जैसे / 'महशर' इनायती
- एहसास का सवाल भी लो दूर हो गया / 'महशर' इनायती
- फ़रेबों से न बहलेगा दिल-ए-आशुफ़्ता-काम अपना / 'महशर' इनायती
- फ़िक्र-ए-तजदीद-ए-रवायात-ए-कुहन आज भी है / 'महशर' इनायती
- हँसते हुए कतरा के गुज़र जाए है मुझ से / 'महशर' इनायती
- हार कर हिज्र-ए-ना-तमाम से हम / 'महशर' इनायती
- हम से गुम-राह ज़माने ने कहाँ देखे हैं / 'महशर' इनायती
- हक़ीक़त हक़ीक़त कहाँ मेरे बाद / 'महशर' इनायती
- ख़ुश हैं बहुत मिज़ाज-ए-ज़माना बदल के हम / 'महशर' इनायती
- किसी की आँखों का ज़िक्र छेड़ें अजीब कुछ पुर-वुक़ार आँखें / 'महशर' इनायती
- क्या क्या हैं एहमितात मगर देखिए अभी / 'महशर' इनायती
- क्या क्या हरीस फ़ैज़-मआबों के आस-पास / 'महशर' इनायती
- लब पे इक नाम हमेशा की तरह / 'महशर' इनायती
- मैं तो ज़िंदगी चाहूँ ज़िंदगी ख़ुशी चाहे / 'महशर' इनायती
- मुसर्रतों की साअतों में इख़्तेसार कर लिया / 'महशर' इनायती
- न ग़ैर ही मुझे समझो न दोस्त ही समझो / 'महशर' इनायती
- न जाने रफ़्ता रफ़्ता क्या से क्या होते गए हम तुम / 'महशर' इनायती
- नींद की आँख मिचोली से मज़ा लेती हैं / 'महशर' इनायती
- सँवारे है गेसू तो देखा करे है / 'महशर' इनायती
- सब ने बना बना के तमाशा हमें तुम्हें / 'महशर' इनायती
- तदारूक़-ए-ग़म हर सुब्ह ओ शाम करते रहे / 'महशर' इनायती
- तेरे सुलूक-ए-तग़ाफुल से हो के सौदाई / 'महशर' इनायती
- ये जान कर के फूल नहीं इख़्तियार के / 'महशर' इनायती
- ज़ुल्म है हुस्न को एहसास ज़रा हो जाना / 'महशर' इनायती