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आज पहली बार / अशोक लव
Kavita Kosh से
(आज पहली बार/ अशोक लव से पुनर्निर्देशित)
ओं मलयानील!
तुम आये आज
आकाश-गंगा में नहा गई
चन्द्र की पहली किरण
गालों पर गमक उठे
सुगन्धित गुलाब
स्पन्दनशील हुआ जीवन
बालों में महक रही है
कच्चे सेबों की खुशबू
क्या तुमने भी अनुभव की है
कस्तूरी गंध?
मन-
स्रोतस्विनी-सा
अपनत्व से जुड़ा
समीपता से आप्लावित
आज पहली बार
जैसे हुआ अवतरित