कविता नहीं है यह (कविता) / अनिल जनविजय
कविता नहीं है यह
बढ़ती हुई समझ है
एक वर्ग के लोगों में
दूसरे वर्ग के खिलाफ़
कविता नहीं है यह
आँखों में गुनगुना समन्दर है
निरन्तर फैलता हुआ चुपचाप
खौल जाने की तैयारी में
कविता नहीं है यह
बन्द पपड़ाए होंठों की भाषा है
लहराती-झिलमिलाती हुई गतिमान
बाहर आने की तैयारी में
कविता नहीं है यह
चेहरे पर उगती हुई धूप है
तनी हुई धूप
बढ़ती ही जा रही है अन्तहीन
कविता नहीं है यह
छिली हुई चमड़ी की फुसफुसाहट है
कंकरीली धरती पर घिसटते हुए
तेज़ शोर में बदलती हुई
कविता नहीं है यह
पसीना चुआंते शरीर हैं
कुदाल और हल लिए
ज़मीन गोड़ने की तैयारी में
कविता नहीं है यह
मज़दूर के हाथों में हथौड़ा है
भरी हुई बन्दूक का घोड़ा है
कविता नहीं है यह
और लीजिए, अब यही कविता अँग्रेज़ी में पढ़िए, अनुवादक हैं जगदीश नलिन
Anil Janvijay
It Is Not A Poem
It is not a poem
It is rather an increasing knowledge
In people of one class
Against people of another class
It is not a poem
It is rather lukewarm sea in eyes
Constantly spreading quietly
To be ready to boil
It is not a poem
It is rather language of closed lips
Gliding being Undulating, glimmering
To be ready for coming out
It is not a poem
It is rather rising sunshine on face
Tightened sunshine
Going condensing endlessly
It is not a poem
It is rather whispering of peeled skin
Being dragged on stony land
Being converted into loud noise
It is not a poem
It is bodies dripping perspiration
Taking spades and ploughs
To be ready for plouging the fields
It is not a poem
It is rather hammers in hands of labourers
It is trigger of loaded gun
It not a poem
Translated into english by Jagdeesh Nalin