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गर्म मोम / अशोक लव
Kavita Kosh से
(गर्म मोम /अशोक लव से पुनर्निर्देशित)
ठंडी जमी मोम सब सह जाती है
छोटी सी
पतली-सी सुई
उतर जाती है आर-पार
बिंध जाती है मोम
तपती है जब मोम
आग बन जाती है
चिपककर झुलसा देती है
समयानुसार
जीवन को मोम बनना पड़ता है