चक्रव्यूह

| रचनाकार | कुंवर नारायण | 
|---|---|
| प्रकाशक | राधाकृष्ण प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, 2/38, अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली-110002 | 
| वर्ष | 1995 (प्रथम संस्करण:1956) | 
| भाषा | हिन्दी | 
| विषय | कविताएँ | 
| विधा | |
| पृष्ठ | 134 | 
| ISBN | 81-7119-192-4 | 
| विविध | 
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प्रथम खंड : लिपटी परछाइयाँ
- लिपटी परछाइयाँ / कुंवर नारायण
 - धब्बे और तसवीर / कुंवर नारायण
 - नीली सतह पर / कुंवर नारायण
 - ओस-नहाई रात / कुंवर नारायण
 
- सागर के किनारे / कुंवर नारायण
 - छोटा-सा उत्सव / कुंवर नारायण
 - मैं था? न था? / कुंवर नारायण
 - तुम नहीं / कुंवर नारायण
 - तुम नहीं / कुंवर नारायण
 - तैरते तिनके / कुंवर नारायण
 - अनभूला दर्द / कुंवर नारायण
 - चाह का आकाश / कुंवर नारायण
 - उपक्रम और व्यतिक्रम / कुंवर नारायण
 - शूर्पणखा / कुंवर नारायण
 - थके पंख / कुंवर नारायण
 - धारिणी / कुंवर नारायण
 - देह के फूल / कुंवर नारायण
 - सृजन के क्षण / कुंवर नारायण
 - आशय / कुंवर नारायण
 - स्मृति-मणि / कुंवर नारायण
 - अतृप्त ज्वार / कुंवर नारायण
 - सिद्ध वेदना / कुंवर नारायण
 - अभिवादन / कुंवर नारायण
 
द्वितीय खंड : चिटके स्वप्न
- चिटके स्वप्न / कुंवर नारायण
 - थोड़े से शब्दों में / कुंवर नारायण
 - टपकती बूँदें / कुंवर नारायण
 - एक दिन / कुंवर नारायण
 - "कुछ नहीं" वाली पहेली / कुंवर नारायण
 - तन-पक्ष / कुंवर नारायण
 - स्खलित-सृष्टियाँ / कुंवर नारायण
 - बँधे क़दम / कुंवर नारायण
 - गिद्धों की बस्ती में / कुंवर नारायण
 - एक दाँव / कुंवर नारायण
 - उस छोर पर / कुंवर नारायण
 - जागते स्वप्न / कुंवर नारायण
 - डगमगाती शांति / कुंवर नारायण
 - धुँधले संकेत / कुंवर नारायण
 - मिट्टी के गर्भ में / कुंवर नारायण
 - एक आश्वासन / कुंवर नारायण
 - स्वप्न चित्र / कुंवर नारायण
 - गहराइयों की ओर / कुंवर नारायण
 
तृतीय खंड : शीशे का कवच
- प्रश्न / कुंवर नारायण
 - चेतन के पीछे / कुंवर नारायण
 - शून्य और अशून्य / कुंवर नारायण
 - छाया के दाग / कुंवर नारायण
 - अक्षर / कुंवर नारायण
 - शीशे का कवच / कुंवर नारायण
 - मैं जानता हूँ... / कुंवर नारायण
 - अजन्मे देवता / कुंवर नारायण
 - ईश्वर का मनोवैज्ञानिक रूप / कुंवर नारायण
 - सहज प्रश्न / कुंवर नारायण
 - अनथही गहराइयाँ / कुंवर नारायण
 - गंगा-जल / कुंवर नारायण
 - जन्मसिद्ध अधिकार / कुंवर नारायण
 
चतुर्थ खंड : चक्रव्यूह
- वरासत / कुंवर नारायण
 - अस्तित्व के घेरे में / कुंवर नारायण
 - उत्सर्ग / कुंवर नारायण
 - सम्भावनाएं / कुंवर नारायण
 - कवि का सृजन मंत्र / कुंवर नारायण
 - सूना कैनवस / कुंवर नारायण
 - चित्र की चेतना / कुंवर नारायण
 - सवेरा / कुंवर नारायण
 - कुछ ऐसे भी यह दुनिया जानी जाती है.. / कुंवर नारायण
 - मूल्य / कुंवर नारायण
 - दूरी के पास / कुंवर नारायण
 - सूर्य-संतति / कुंवर नारायण
 - मेरा सार / कुंवर नारायण
 - बीज, मिट्टी और खुली जलवायु / कुंवर नारायण
 - कृतित्व : ढलती मिट्टी / कुंवर नारायण
 - अटूट क्रम / कुंवर नारायण
 - स्वयं की अभिव्यक्तियाँ / कुंवर नारायण
 - चक्रव्यूह(कविता) / कुंवर नारायण