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छवो घाटी में पूजा करने के लिये / बिहुला कथा / अंगिका लोकगाथा

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छवो घाटी में पूजा करने के लिये बिषहरी का आना

होरे घाट पूजे लगली हे माता मैना बिषहरी हे॥
होरे पहिली घाट पूजे हे माता पान सुपारी हे।
होरे दोसर हो घाट रे माता तेल जै सिन्दूर हे॥
होरे तीसर ही घाटे हे माता अगर चन्द हे।
होरे चौथी घाट हे माता ओंकरी अच्छत हे।
होरे चारो घाट पूजे हे माता उज्जैनि नगर हे।
होरे उज्जैनी नगर हे बसे बासू सौदागर हे॥