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तेरे पास पहुँचने की आशा में / गुलाब खंडेलवाल
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तेरे पास पहुँचने की आशा में
मैं निरंतर चलता जा रहा हूँ
पर तू केंद्र में खडा मुस्कुरा रहा है,
और मैं परिधि के चक्कर लगा रहा हूँ