भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

धमना नाग का चौपाई नगर जाना / बिहुला कथा / अंगिका लोकगाथा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

होरे जाय तो जूमल रे नागा चौपाई नगर रे॥
होरे नजर पड़लौ रे नागा बिजली घटवार रे।
होरे कैसे के जाइबे रे दैबा लोहा बांस घर रे॥
होरे एतना जे चौकी रे दैबा कैसे के टपबे रे।
होरे करि छल-छल रे नागा चले चौकी ठाँव॥
होरे लोहा बांसघर के पास नागा जयती जुमले रे।
होरे खोदे लागल रे नागा रहिया जो आवे रे॥
होरे अढ़ाई हाथ आवेरे बिजी नाग केर पास रे।
होरे नजर परले रे दैबा बिजी घटबार रे॥
होरे दौड़ल आवे रे बिजी नाग केर पास रे।
होरे नाग के बांधिए रे बिजी लेइ तो चलल रे॥
होरे कोई बिजी बोले रे दैबा देबी के बहिन रे।
होरे साहुकेर बैर बीजो देबो न देतई रे॥
होरे बुढ़वा सरदार बोले छोड़ो बरू देहो रे।
होरे नहीं तो मानल कै रै दैबा बुढवा के कहलकै रे॥
होरे सब मिली आवे रे बीजो सातटक करलेक रे।
होरे छवो टूक आवैबिजी सब देल छइ जोरी रे॥
होरे एक टूक आवै बिजी सब करले जलपान रे।
होरे चलल पराय रे दैबा धमना नाग रे॥
होरे जाय तो जुमल रे नागा देवी के हजूर रे।
होरे नजर पड़लो देवी नागा के ऊपर रे॥
होरे आगे होय आवे रे नागा करई परनाम रे।
होरे पाछु हटि आवे रे नागा बोले तो लागल रे॥
होरे देवी के हजूर रे नागा रोदन करय रे।

होरे बोले तो लगली हे देबी नाग से जबाब हे॥
होरे कौन तो कारण रे नागा रोदन पसार रे।
होरे किये मैं कहब हे माता कइलों नहिं जाय रे॥
होरे बड़ भय गेला हे मातो छोट भय आयल हे।
होरे जातए ही आबे हे माता तिरिया खोदली हे॥
होरे दुआर ही चौकिहे माता बिजी घटवार हे।
होरे तरिया खौदत हे माता बिजी ने देखल हे॥
होरे धराय पकरिए हे लय तो चलल हे।
होरे कोई बिजी बोलेहे माता साहुका पास भैजवे रे॥
होरे कोहै बिजी बोले हे माता मारि फेकवै रे।
होरे बुढवा सरदार हे माता दइछै जबाब हे॥
होरे छोड़ी बरु देहो रे बीजी सब एही नाग रे।
होरे ही नगर बिजी सब देवी के बाहन रे॥
होरे तैयो नहीं मानलेक रे दैबा बिकेर जात रे।
होरे सात टूक आवे हे माता हमार करए हे॥
होरे छवे टूक आवे हे माता जोड़ी बरु देलकै हे।
होरे एक टूक आवे हे माता करले जलपान हे॥
होरे जान लये आये हे माता सरन तोहार हे।
होरे एतना तो सुनि के माता पांचो तो बहिनी हे॥
होरे पांचो तो बहिनी हे माता रोदन पसारे हे।
होरे बुद्धि के आगरी हे माता दोतिला भवानी हे॥
होरे सुनवे-सुनवे हे बहिनी बचन हमार हे।
होरे पुजा नहिं देती हे बहिनी चांदो सौदागर हे॥
होरे चलवे चलबे गे बहिनी नेतुला के आवास हे।