ब्राह्मण का लौटना चांदो के पास / बिहुला कथा / अंगिका लोकगाथा
होरे पतरा लिखली रे चांदो लोहा बांस घर रे।
होरे पतरा लिखल रे चांदो माता बड़ी डांग रे॥
होरे पतरा लिखल रे चांदो लोहा करे कलाई रे।
होरे पतरा लिखल रे चांदो सोवरन खड़ाम रे॥
होरे पतरा लिखल रे चांदो छवो घाटो पोखरा रे।
होरे देश 2 के कन्या जे आवे छवो घाटी नहावे रे॥
होरे तोहे जाएवे रे बनियाँ छवो घाटी पोखरा रे।
होरे जाहि कन्या केर सतगै देखम बेटवा बियहबेरे॥
होरे पहिल डुबकी रे बनियाँ अतने कहिबात रे।
होरे रतिए विवाह रे चांदो रितये समदन रे॥
होरे कोहवर बनएबे बनियाँ लोहा बांस घर रे।
होरे लोहा बांस घर रे बनियाँ बेटवा पुतहु रे॥
होरे हंकार लगावल रे चांदो धन्ना मन्ना मंत्री रे।
होरे साहू का जवाब धन्ना सरवन सुनले रे॥
होरे जाये जुमले रे धन्ना चांदो केर पास हे।
होरे आगू भय आवे रे मन्ना करे के सलाम रे॥
होरे पीछे हटी आवे रे धन्ना तो बोले लागल रे।
होरे कौन तो कारण हो बाबा करेले बोलाहट रे॥
होरे बोले तो लाग रे बनियाँ चांदो सौदागर रे।
होरे जाहो तोह आवे रे धन्ना विशुकरमा आवास रे॥
होरे चान्दो के हुकुम र धन्ना चली बरु भेल हे।
होरे जाय तो जुमले रे बिश्वकर्मा आवास रे॥
होरे दुआरी तो चढ़िये रे धन्ना देले जबाब रे।
होरे घर छही घर रे छहों विश्वकर्मा लोहार रे॥
होरे जाय तो जुमले विश्बकर्मा धन्ना केर पासरे।
होरे आजु भये खावे रे बिश्वकर्मा करे छैसला मरे॥
होरे पाछु हटि आवे रे बिश्वकर्मा बोले लागल हे।
होरे कौन तो कारण हे धन्ना करेले बोलाहट हे॥
होरे बोले तो लागल रे धन्ना देई छै जबाब हे।
होरे तोहर बोलाहट रे विश्वकर्मा चाँदो जे करली॥
होरे लोहा बांस घर रे विश्वकर्मा देबही बनवा रे।
होरे चलिवरू भेल रे बिश्वकर्मा चांदो के आवास रे॥
होरे जाय जुमले रे बिश्बकर्मा चांदो के पास रे।
होरे आगे भय आवेरे बिश्वकर्मा कैलके सलाम रे॥
होरे पछुहटि आवेरे बिश्वकर्मा कैलाक सलाम रे।
होरे केहि कारण हे साहू करले बोलाहट हे॥
होरे इतना सुनिये रे चांदो देइते हुकुम रे।
होरे लोहा बांस घर रे विश्वकर्मा करवे तैयार रे॥
होरे ऐसन बनाइबरे विश्वकर्मा धुआ आना हिंबहराय रे।
होरे धुआं जो बाहर रे होयते मारिये डालबो रे॥
होरे जन बचा तोरे विश्वकर्मा गड़ियारा मरइबो रे।
होरे सयतो कीयेरे विश्वकर्मा लोहा घर बनाय रे॥
होरे हेनत बाड़ी डागरे बिश्वकर्मा लोहा बनाय रे।
होरे चाँदो का हुकुम रे विश्वकर्मा राखल प्रमान रे॥
होरे बनावे लागल रे विश्वकर्मा लोहा बांसघर रे।
होरे रचि बनावे विश्बकर्मा लोहा बाँस घर रे॥
होरे तीनो कोना आवे हे विश्वकर्मा करेला तैयार हे।
होरे चौठहो कोना हे बिषहरि देले दरशन हे॥
होरे बाल भरि आवेहे विश्वकर्मा रखले दुआरी रे।
होरे दुआरी न राखहे विश्वकर्मा मरबो बयार रे॥
होरे बाल बच्चा तोरे विश्वकर्मा नाग डसायबो रे।
होरे चाँदवां का बैल छाड़ो तोहार हे बैर रे॥
होरे एतना सुनिये रे विश्वकर्मा दए छै जबाब रे।
होरे धुआं करि देखत हे माता चांदो सौदागर हे॥
होरे धुआ बाहर होइते माता हे बच्चामारत हे।
होरे बोले तो लगली हे देव मैना बिषहरी हे॥
होरे धुआं दुआरी रे विश्वकर्मा हमें जे बसइबो रे।
होरे बाल बच्चा तोहार बिषकरमाह में जेबसइबो रे॥
होरे बाल भरी दुआरी राखरे विश्वकर्मा केले तैयार रे।
होरे पांच तो कलाई रे विश्वकर्मा कैलाके तैयार रे॥
होरे हेमन्तबारी डांगरे विश्वकर्मा साहू के जबाब रे।
होरे लोहा बांस घररे साहू भेल तैयार हे॥
होरे एतना सुनिये रे चांदो मन खुशी भइल रे।
होरे जाये तो जुमलो चांदो लोहा बांस घर रे॥
होरे एतना सुनिये रे चांदो मन खुशी भइल रे।
होरे धुआं ना करिये चांदो चारो कोना देख रे॥
होरे धुआँ के दुआरी रे माता वैसी वरु गेली हे।
होरे धुआं नहीं बहररे भेले चान्दो खुशी भेल रे॥