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मैं तथा मैं (अधूरी तथा कुछ पूरी कविताएँ) - 2 / नवीन सागर
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(मैं तथा मैं(अधूरी तथा कुछ पूरी कविताएँ)-2 / नवीन सागर से पुनर्निर्देशित)
मैं कहाँ आ गया!
यहाँ कभी होगा कोई
भीतर से आता हुआ
कोई आवाज़ होगी यहाँ ऐसी
जैसी गूँज खोकर
खड़े हैं सन्नाटे!
मैं कहाँ आ गया!
यहाँ कभी आ पाऊँगा!!