मैं कहाँ आ गया!
यहाँ कभी होगा कोई
भीतर से आता हुआ
कोई आवाज़ होगी यहाँ ऐसी
जैसी गूँज खोकर
खड़े हैं सन्नाटे!
मैं कहाँ आ गया!
यहाँ कभी आ पाऊँगा!!
मैं कहाँ आ गया!
यहाँ कभी होगा कोई
भीतर से आता हुआ
कोई आवाज़ होगी यहाँ ऐसी
जैसी गूँज खोकर
खड़े हैं सन्नाटे!
मैं कहाँ आ गया!
यहाँ कभी आ पाऊँगा!!