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मैं तथा मैं (अधूरी तथा कुछ पूरी कविताएँ) - 5 / नवीन सागर
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(मैं तथा मैं(अधूरी तथा कुछ पूरी कविताएँ)-5 / नवीन सागर से पुनर्निर्देशित)
जो है उसके अलावा
जो मैंने देखा
वह कहाँ है जो था नहीं
मैं देखता हूँ तो कौन देखता है
जो है नहीं!
जो है उसके अलावा
जो है
वह मेरे अलावा कहाँ है!
मैं एक दिन बाहर
निकलकर पूरे संसार में उसे
देखता हुआ याद आऊंगा!