भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
Kavita Kosh से
रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
जन्म | 03 दिसम्बर 1957 |
---|---|
निधन | 08 दिसम्बर 2015 |
उपनाम | विद्रोही |
जन्म स्थान | फिरोज़पुर, सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
नई खेती (कविता-संग्रह) | |
विविध | |
अपनी कविता की धुन में छात्र जीवन के बाद भी विद्रोही जी ने जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) कैंपस को ही अपना बसेरा माना। वे कहते थे, "जेएनयू मेरी कर्मस्थली है। मैंने यहाँ के हॉस्टलों में, पहाड़ियों और जंगलों में अपने दिन गुज़ारे हैं।" वे बिना किसी आय के स्रोत के छात्रों के सहयोग से किसी तरह कैंपस के अंदर जीवन बसर करते रहे हैं। | |
जीवन परिचय | |
रमाशंकर यादव 'विद्रोही' / परिचय |
कविता-संग्रह
प्रमुख अवधी रचनाएँ
- इहवइ धरतिया हमार महतरिया / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- मां / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- सिरताजी अइया / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- अवधी गीत / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
प्रमुख हिंदी रचनाएँ
- नई खेती (कविता) / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- औरतें / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- मोहनजोदाड़ो / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- जन-गण-मन / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- दुनिया मेरी भैंस / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- बीडी पीते बाघ / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- नूर मियां / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- धरम / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- पुरखे / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- कथा देश की / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- तुम्हारा भगवान / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- कवि / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- कविता और लाठी / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- परिभाषा / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- मुझको इस आग से बचाओ मेरे दोस्तों-1 / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- मुझको इस आग से बचाओ मेरे दोस्तों-2 / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- नानी / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- गुलाम 1 / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- गुलाम 2 / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- गुलाम 3 / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
- राजा रानी किसी का पानी / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'