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मदार / रंजना जायसवाल

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पाश काँलोनी में दरवाजों के पास
मदार के पेड़ देखकर चौंक पड़ी मैं
कैसे इतना पापुलर हुआ
उपेक्षित मदार
अब तक तो उगता रहा
कचरे के ढेर
और लावारिस जगहों पर
अपने-आप
नहीं चढ़ाया जाता
देवताओं को
[अपवाद बस शिव हैं ,पर वे भी तो देवलोक से बहिष्कृत हैं ]
किसी भी पौधे से कम आकर्षक नही है
मझोला मदार
चौड़े हरे पत्तों के बीच
दमकता है उसका सफेद
या फिर हल्का बैंगनी फूलों -सा चेहरा
मान्यता रही कि खतरनाक है मदार
फिर क्यों सजाया जा रहा है उससे द्वार
पता चला किसी बाबा ने बताया है
मदार के औषधीय शुभ गुणों से परिचित कराया है
पर सफेद मदार
रंग-भेद यहाँ भी ?