भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सार्थकता / आहत युग / महेन्द्र भटनागर
Kavita Kosh से
(सार्थकता (आहत युग) / महेन्द्र भटनागर से पुनर्निर्देशित)
जिस दिन
मानव-मानव से प्यार करेगा,
हर भेद-भाव से
ऊपर उठ कर,
भूल
अपरिचित-परिचित का अन्तर
सबका स्वागत-सत्कार करेगा,
पूरा होगा
उस दिन सपना !
विश्व लगेगा
उस दिन अपना !