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76 / हीर / वारिस शाह
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तेरा आखया असां मनजूर कीता मझीं देह संभाल के सारियां नी
खबरदार रहे मझीं विच खड़ा बेले विच मुसीबतां भारियां नी
रोला करे नाहीं नाल खधिया<ref>पशु</ref> दे एस कदे नाहीं मझी चारियां नी
मत खेड रूझे खड़ियां जाण<ref>चोरी</ref> मझीं होण पिंड दे विच खुआरियां नी
शब्दार्थ
<references/>