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"ऐ मेरे दिल कहीं और चल / दाग़" का अवतरण इतिहास

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  • (सद्य | पिछला) 10:50, 1 मार्च 2010Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान). . (100 बाइट) (+100). . (ऐ मेरे दिल कहीं और चल / दाग़ का नाम बदलकर मन भावन के घर जाए गोरी / शैलेन्द्र कर दिया गया है)