भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चालने सखी दही बेचवा ज‍इये / मीराबाई" का अवतरण इतिहास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अन्तर चयन: अन्तर देखने के लिए पुराने अवतरणों के आगे दिए गए रेडियो बॉक्स पर क्लिक करें तथा एण्टर करें अथवा नीचे दिए हुए बटन पर क्लिक करें
लिजण्ड: (चालू) = सद्य अवतरण के बीच में अन्तर, (आखिरी) = पिछले अवतरण के बीच में अन्तर, छो = छोटा बदलाव।

  • (सद्य | पिछला) 18:59, 22 जून 2009Pratishtha (चर्चा | योगदान). . (639 बाइट) (+639). . (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई }} <poem> चालने सखी दही बेचवा ज‍इये। ज्या सु...)