भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"दिमागी गुहान्धकार का ओरांग उटांग / गजानन माधव मुक्तिबोध" का अवतरण इतिहास

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अन्तर चयन: अन्तर देखने के लिए पुराने अवतरणों के आगे दिए गए रेडियो बॉक्स पर क्लिक करें तथा एण्टर करें अथवा नीचे दिए हुए बटन पर क्लिक करें
लिजण्ड: (चालू) = सद्य अवतरण के बीच में अन्तर, (आखिरी) = पिछले अवतरण के बीच में अन्तर, छो = छोटा बदलाव।

  • (सद्य | पिछला) 19:58, 27 जनवरी 2008Sumitkumar kataria (चर्चा). . (6,134 बाइट) (+6,134). . (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गजानन माधव मुक्तिबोध |संग्रह=चांद का मुँह टेढ़ा है / गज...)