भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कहते थे ”तेरे युगल नयन ज्यों जलक्रीड़ा करती मछली / प्रेम नारायण 'पंकिल'" के लिये जानकारी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मूल जानकारी

प्रदर्शित शीर्षककहते थे ”तेरे युगल नयन ज्यों जलक्रीड़ा करती मछली / प्रेम नारायण 'पंकिल'
डिफ़ॉल्ट सॉर्ट कीकहते थे ”तेरे युगल नयन ज्यों जलक्रीड़ा करती मछली / प्रेम नारायण 'पंकिल'
पृष्ठ आकार (बाइट्स में)1,247
पृष्ठ आइ॰डी16857
पृष्ठ सामग्री भाषाहिन्दी (hi)
Page content modelविकिटेक्स्ट
सर्च इंजन बॉट द्वारा अनुक्रमणअनुमतित
दर्शाव की संख्या792
इस पृष्ठ को पुनर्निर्देशों की संख्या0
सामग्री पृष्ठों में गिना जाता हैहाँ

पृष्ठ सुरक्षा

संपादनसभी सदस्यों को अनुमति दें
स्थानांतरणसभी सदस्यों को अनुमति दें

सम्पादन इतिहास

पृष्ठ निर्माताद्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान)
पृष्ठ निर्माण तिथि19:49, 2 फ़रवरी 2009
नवीनतम सम्पादकद्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान)
नवीनतम सम्पादन तिथि19:49, 2 फ़रवरी 2009
संपादन की कुल संख्या1
लेखकों की संख्या1
हाल में हुए सम्पादनों की संख्या (पिछ्ले 91 दिन में)0
हाल ही में लेखकों की संख्या0

पृष्ठ जानकारी

प्रयुक्त साँचे (2)

इस पृष्ठ पर प्रयुक्त साँचे: