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"आम आदमी बनाम कच्चा आदमी / अरुण कुमार नागपाल" के अवतरणों में अंतर

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13:36, 9 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण

आम आदमी
को गिराया जा सकता है
पत्थर मार कर
कच्चे आम की तरह
पर भूलना यह भी नहीं चाहिए
कि आम आदमी
यदि चाहे तो
पूँजीपति के पेट में मरोड़ पैदा कर सकता है
हाज़मा बिगाड़ सकता है
और कारण वन सकता है दस्त का
कच्चे आम की तरह