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"आम आदमी बनाम कच्चा आदमी / अरुण कुमार नागपाल" के अवतरणों में अंतर
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आम आदमी
को गिराया जा सकता है
पत्थर मार कर
कच्चे आम की तरह
पर भूलना यह भी नहीं चाहिए
कि आम आदमी
यदि चाहे तो
पूँजीपति के पेट में मरोड़ पैदा कर सकता है
हाज़मा बिगाड़ सकता है
और कारण वन सकता है दस्त का
कच्चे आम की तरह