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"छोटी-छोटी ख़ुशियाँ / अरुण कुमार नागपाल" के अवतरणों में अंतर

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क्यारियों को पानी देते बाबू जी
 
क्यारियों को पानी देते बाबू जी
चूल्हा चौका सभांलती माँ
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चूल्हा चौका सँभालती माँ
शर्ट का बटन टांकती पत्नी
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शर्ट का बटन टाँकती पत्नी
 
टीचर के लिए लाल गुलाब ले जा रही  
 
टीचर के लिए लाल गुलाब ले जा रही  
नन्ही सी लड़की
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नन्ही-सी लड़की
 
कॉलबेल बजाता पोस्टमैन
 
कॉलबेल बजाता पोस्टमैन
 
कुछ लोग हैं हमारे इर्द-गिर्द
 
कुछ लोग हैं हमारे इर्द-गिर्द
जो करते रह्ते हैं हमारे लिए
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जो करते रहते हैं हमारे लिए
 
छोटे-छोटे काम
 
छोटे-छोटे काम
मुहँ से बिना कुछ कहे
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मुँह से बिना कुछ कहे
 
अपने छोटे-छोटे कामों से
 
अपने छोटे-छोटे कामों से
 
वे लगे हैं हमारे जीवन को सुंदर बनाने में
 
वे लगे हैं हमारे जीवन को सुंदर बनाने में
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हालाँकि हम भूल चुके हैं
 
हालाँकि हम भूल चुके हैं
 
आभार प्रकट करना
 
आभार प्रकट करना
न जाने हम क्यों ले लेते हैं उन्हें इतनी सहज़ता से?</poem>
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न जाने हम क्यों ले लेते हैं उन्हें इतनी सहजता से?
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14:39, 9 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण

क्यारियों को पानी देते बाबू जी
चूल्हा चौका सँभालती माँ
शर्ट का बटन टाँकती पत्नी
टीचर के लिए लाल गुलाब ले जा रही
नन्ही-सी लड़की
कॉलबेल बजाता पोस्टमैन
कुछ लोग हैं हमारे इर्द-गिर्द
जो करते रहते हैं हमारे लिए
छोटे-छोटे काम
मुँह से बिना कुछ कहे
अपने छोटे-छोटे कामों से
वे लगे हैं हमारे जीवन को सुंदर बनाने में
छोटी-छोटी खुशियाँ बाँटने में
हालाँकि हम भूल चुके हैं
आभार प्रकट करना
न जाने हम क्यों ले लेते हैं उन्हें इतनी सहजता से?