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"आने वाले दिनों में क्या होगा.. / श्रद्धा जैन" के अवतरणों में अंतर

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मौत को इससे हौसला होगा
 
मौत को इससे हौसला होगा
  
फूल की ताज़गी से डर सा लगे
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फूल की ताज़गी को देख कहा 
 
जल्द ही शाख़ से जुदा होगा
 
जल्द ही शाख़ से जुदा होगा
  

21:59, 9 दिसम्बर 2010 का अवतरण

आने वाले दिनों में क्या होगा
कुर्बतें या कि फासला होगा

आज रोता है वो तो रोने दो
आज वो खुद से मिल गया होगा
 
जिंदगी तू जो हार जायेगी
मौत को इससे हौसला होगा

फूल की ताज़गी को देख कहा
जल्द ही शाख़ से जुदा होगा

कोई तो हमख़्याल होगा यहाँ
कोई तो मुझ सा सिरफिरा होगा