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"कितना दुश्वार है दुनिया ये हुनर आना भी / वसीम बरेलवी" के अवतरणों में अंतर

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22:01, 12 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण

कितना दुश्वार है दुनिया ये हुनर आना भी
तुझी से फ़ासला रखना तुझे अपनाना भी

ऐसे रिश्ते का भरम रखना बहुत मुश्किल है
तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी