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08:32, 17 दिसम्बर 2010 का अवतरण

आजकल मेरे दिल मे एक अजीब सी उलझन है कारण जानना चाहा तो लिखा अपने दिल को एक खत और माँगा जबाब उसका ............. कुछ देर के इन्तेजार के बाद जबाब आया जो कुछ इस तरह था .......... बहुत बुरा हाल है,हमारा इनदिनों पहले तो एक जिस्म मे धडकते थे अब दो जिस्मो मे धडकना पड़ता है कौन सा अपना है जानने के लिए दिन रात भटकना पड़ता है एक दिन यु ही भटकते भटकते एक दिल से मुलाकात हो गयी अजनबी थी वो मगर जानी-पहचानी सी लगी मैने उससे उसके भटकने का कारण पूछा तो पता चला उसे भी दो जिस्मो मे धडकना पड़ता है कौन सा अपना है जानने के लिए दिन रात भटकना पड़ता है बातो बातो मे पता चला मै उसके और वो मेरे जिस्म मै धड़कती है तो हमने तय किया की हम एक हो जाते है ............ और अब तुम दोनों भी एक हो जाओ ................. aditya kashyap