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"ख़ुद से बाहर अब निकलकर देखें / नित्यानन्द तुषार" के अवतरणों में अंतर

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10:37, 21 दिसम्बर 2010 का अवतरण

ख़ुद से बाहर अब निकलकर देखें
दूसरों के गम़ भी चलकर देखें

टूटने पर टूट जाएगा दिल
आप सपनों को सँभलकर देखें

रोशनी देते रहे जो कल तक
उनकी खात़िर आज जलकर देखें

ये बहुत मुश्किल सही फिर भी हम
इस जहाँ को ही बदलकर देखें

उनको गिरने से बचा लेना तुम
जो ये सोचें हम फिसलकर देखें