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"ख़ुद से बाहर अब निकलकर देखें / नित्यानन्द तुषार" के अवतरणों में अंतर
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ख़ुद से बाहर अब निकलकर देखें | ख़ुद से बाहर अब निकलकर देखें |
10:41, 21 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण
ख़ुद से बाहर अब निकलकर देखें
दूसरों के गम़ भी चलकर देखें
टूटने पर टूट जाएगा दिल
आप सपनों को सँभलकर देखें
रोशनी देते रहे जो कल तक
उनकी खात़िर आज जलकर देखें
ये बहुत मुश्किल सही फिर भी हम
इस जहाँ को ही बदलकर देखें
उनको गिरने से बचा लेना तुम
जो ये सोचें हम फिसलकर देखें