भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'''प्रशान्त के अनुवाद'''
* [[मैं लालायित तुम्हारे मुख, तुम्हारी आवाज, तुम्हारे बालों का / पाब्लो नेरूदा]]
'''अनिल जनविजय द्वारा अनूदित'''
* [[पॉल रॉब्सन के नाम / पाब्लो नेरूदा]]