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"समुद्र / ओरहान वेली" के अवतरणों में अंतर

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'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
 
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03:54, 2 जनवरी 2011 का अवतरण

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: ओरहान वेली  » समुद्र

मैं अपने कमरे में बैठा
समुद्र का किनारा देख रहा हूँ
खिड़की से नहीं देख रहा
बस, जानता हूँ नावें समुद्र में जा रही हैं
उन पर लदे हुए हैं तरबूज

समुद्र मुझे दिखता है
अपने कमरे की छत पर
शीशे की तरह लहराता
और मुझे छेड़ता है

समुद्री काई की गंध
समुद्री किनारे पर खड़ी नौकाओं के तने हुए मस्तूल
समुद्र किनारे रहने वाले बच्चों को
कभी याद नहीं आते

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय