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"यहाँ हर आँख से सपना अलग है / कुमार अनिल" के अवतरणों में अंतर
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<poem>यहाँ हर आँख से सपना अलग है | <poem>यहाँ हर आँख से सपना अलग है | ||
गज़ब है पेड़ से साया अलग है | गज़ब है पेड़ से साया अलग है | ||
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अदब करता है यह पागल बडों का | अदब करता है यह पागल बडों का | ||
मेरे बेटों में ये बेटा अलग है | मेरे बेटों में ये बेटा अलग है | ||
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तुम्हारे साथ जो गुजरा था एक दिन | तुम्हारे साथ जो गुजरा था एक दिन | ||
वो मेरी जीस्त का लम्हा अलग है | वो मेरी जीस्त का लम्हा अलग है | ||
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है आगे सिर्फ मंदिर और मस्जिद | है आगे सिर्फ मंदिर और मस्जिद | ||
यहाँ से अब मेरा रस्ता अलग है | यहाँ से अब मेरा रस्ता अलग है | ||
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तगाफुल में भी है उसकी मुहब्बत | तगाफुल में भी है उसकी मुहब्बत | ||
मेरा उस शख्स से रिश्ता अलग है | मेरा उस शख्स से रिश्ता अलग है | ||
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जहाँ की रौनकें तुमको मुबारक | जहाँ की रौनकें तुमको मुबारक | ||
मेरी तन्हाई की दुनिया अलग है | मेरी तन्हाई की दुनिया अलग है | ||
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उन्हें सब कुछ हरा ही दिख रहा है | उन्हें सब कुछ हरा ही दिख रहा है | ||
करूँ क्या पर मेरा चश्मा अलग है | करूँ क्या पर मेरा चश्मा अलग है | ||
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किताबों की जगह बारूद- बम हैं | किताबों की जगह बारूद- बम हैं | ||
नए बच्चों का अब बस्ता अलग है | नए बच्चों का अब बस्ता अलग है | ||
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ग़ज़ल कहने को कितने कह रहे हैं | ग़ज़ल कहने को कितने कह रहे हैं | ||
'अनिल' तेरा मगर लहज़ा अलग है</poem> | 'अनिल' तेरा मगर लहज़ा अलग है</poem> |
07:03, 2 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
यहाँ हर आँख से सपना अलग है
गज़ब है पेड़ से साया अलग है
अदब करता है यह पागल बडों का
मेरे बेटों में ये बेटा अलग है
तुम्हारे साथ जो गुजरा था एक दिन
वो मेरी जीस्त का लम्हा अलग है
है आगे सिर्फ मंदिर और मस्जिद
यहाँ से अब मेरा रस्ता अलग है
तगाफुल में भी है उसकी मुहब्बत
मेरा उस शख्स से रिश्ता अलग है
जहाँ की रौनकें तुमको मुबारक
मेरी तन्हाई की दुनिया अलग है
उन्हें सब कुछ हरा ही दिख रहा है
करूँ क्या पर मेरा चश्मा अलग है
किताबों की जगह बारूद- बम हैं
नए बच्चों का अब बस्ता अलग है
ग़ज़ल कहने को कितने कह रहे हैं
'अनिल' तेरा मगर लहज़ा अलग है