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"वो जो हमसे बिछड़ने लगे / कुमार अनिल" के अवतरणों में अंतर

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09:08, 2 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

वो जो हमसे बिछड़ने लगे
दिल में काँटे से गाड़ने लगे

बेवफाओं से था सब गिला
तुम भला क्यों बिगड़ने लगे

अब कहाँ और तुमको रखें
याद के घर उजड़ने लगे

उनसे करके उम्मीदे वफ़ा
खुशबूओं को पकड़ने लगे

याद की आंधियां फिर उठीं
ज़ख्म फिर से उघड़ने लगे

फिर से पत्थर कोई मारिये
गम के घेरे सिकुड़ने लगे

चाँद उनको 'अनिल' क्या कहा
वो गगन पे ही चढ़ने लगे