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"रस्ते में बादल / कैलाश गौतम" के अवतरणों में अंतर
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रस्ते में बादल | रस्ते में बादल | ||
दो चार छू गए | दो चार छू गए | ||
घर बिजली के नंगे | घर बिजली के नंगे | ||
− | तार छू | + | तार छू गए ।। |
आँगन से भागे दालान में गए | आँगन से भागे दालान में गए | ||
एक अदद मीठी मुस्कान में गए | एक अदद मीठी मुस्कान में गए | ||
− | + | अँधियारे सौ-सौ | |
− | त्यौहार छू | + | त्यौहार छू गए ।। |
− | + | बाँहों में झील भरे ताल भरे हम | |
फूलों से लदी-लदी डाल भरे हम | फूलों से लदी-लदी डाल भरे हम | ||
केवड़े कदंब | केवड़े कदंब | ||
− | बार-बार छू | + | बार-बार छू गए ।। |
बरखा में हरे-हरे धान की छुवन | बरखा में हरे-हरे धान की छुवन | ||
नहले पर दहला मेहमान की छुवन | नहले पर दहला मेहमान की छुवन | ||
घर बैठे - | घर बैठे - | ||
− | बदरी केदार छू | + | बदरी केदार छू गए ।। |
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13:26, 4 जनवरी 2011 का अवतरण
रस्ते में बादल
दो चार छू गए
घर बिजली के नंगे
तार छू गए ।।
आँगन से भागे दालान में गए
एक अदद मीठी मुस्कान में गए
अँधियारे सौ-सौ
त्यौहार छू गए ।।
बाँहों में झील भरे ताल भरे हम
फूलों से लदी-लदी डाल भरे हम
केवड़े कदंब
बार-बार छू गए ।।
बरखा में हरे-हरे धान की छुवन
नहले पर दहला मेहमान की छुवन
घर बैठे -
बदरी केदार छू गए ।।