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"ताल में तैरती है / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
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17:28, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
ताल में
तैरती हैं
अंग के अनंग की
मछलियाँ
गाँव के गले में
पड़ा है
धुआँ
नीलकंठी अभिशाप
आँखों में करकता है।
रचनाकाल: २०-०३-१९७०