भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"वार्ता:मुक्ति की कामना / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो
छो
पंक्ति 16: पंक्ति 16:
 
किरन देसाई </poem>
 
किरन देसाई </poem>
  
कहीं कुछ गड़बड़ लगती है।
+
कहीं कुछ गड़बड़ लगती है। या कोई और भी अज्ञेय हुए हैं?
  
 
--[[सदस्य:Eklavya|Eklavya]] 04:59, 11 जनवरी 2011 (UTC)
 
--[[सदस्य:Eklavya|Eklavya]] 04:59, 11 जनवरी 2011 (UTC)

10:37, 11 जनवरी 2011 का अवतरण

यह अज्ञेय की कविता है? जिनकी 1987 में मृत्यु हो गई थी और जब इन 'डिज़ाइनर' महिलाओं में से कुछ का कहीं नाम भी नहीं था?

मीरा तो नहीं
तसलीमा भी शायद
पर हां, कह सकते हैं
इंदिरा, बनेजीर
टेरेसा, महा श्वेता
और अभी-अभी अरूंधति
बिल्कुल अभी ही
जैसे तमाम इनामी औरतें
पुरस्कृत बुकर पुलित्जर
प्रश्नवाचकों की तरह
शोभा डे
किरन बेदी
किरन खैर
किरन देसाई

कहीं कुछ गड़बड़ लगती है। या कोई और भी अज्ञेय हुए हैं?

--Eklavya 04:59, 11 जनवरी 2011 (UTC)