भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"गुट्टी की मृत्यु पर / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …) |
छो ("गुट्टी की मृत्यु पर / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:27, 14 जनवरी 2011 का अवतरण
जान का जुगनू
जिस्म में बुता गया
जिस्म को
खा गई
मसान की लपटें
निःशेष हो गई ‘गुट्टी’
दो बेटियों की माँ
उदास हूँ मैं
अँसुआई आँखों में
दिल का दर्द भरे
रचनाकाल: २८-०८-१९७६
गुट्टी के आज सबेरे मरने पर (अस्पताल में)