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"प्रेम से हम हँसेंगे / हेमन्त शेष" के अवतरणों में अंतर

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प्रेम से हम हँसेंगे
 
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लड़ाई ख़त्म नहीं हुई
 
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फिर चाहेंगे हम पछताना
 
फिर चाहेंगे हम पछताना
 
 
कि जो कुछ हुआ इसी लायक था
 
कि जो कुछ हुआ इसी लायक था
 
 
हँसने, लड़ने, पछताने में वही चीज़ होगी
 
हँसने, लड़ने, पछताने में वही चीज़ होगी
 
 
लायक होना सीख रहे थे हम
 
लायक होना सीख रहे थे हम
 
 
हँसते, लड़ते, पछताते किसी
 
हँसते, लड़ते, पछताते किसी
 
 
प्रेम में
 
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11:20, 17 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

प्रेम से हम हँसेंगे
लड़ाई ख़त्म नहीं हुई
फिर चाहेंगे हम पछताना
कि जो कुछ हुआ इसी लायक था
हँसने, लड़ने, पछताने में वही चीज़ होगी
लायक होना सीख रहे थे हम
हँसते, लड़ते, पछताते किसी
प्रेम में