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"एक ही जगह पर / वरयाम सिंह" के अवतरणों में अंतर

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यह कदमताल था
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यह क़दमताल था
हर कदमताल की तरह
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एक ही जगह पर ।
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झण्डा भी लहरा रहा था मुस्तैदी से
 
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एक ही जगह पर ।
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नेता भी खड़ा था
 
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एक ही जगह पर
 
एक ही जगह पर
 
 
तमाम उपलब्धियाँ, तमाम सफलताएँ,  
 
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तरह-तरह के दस्तावेज़ों में
 
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पेश हो रही थीं
 
पेश हो रही थीं
 
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एक ही जगह पर ।
एक ही जगह पर।
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कितना सुकून मिल रहा है
 
कितना सुकून मिल रहा है
 
 
जिन्हें जल्दी थी कहीं पहुँचने की
 
जिन्हें जल्दी थी कहीं पहुँचने की
 
 
इस सच्चाई तक आसानी से पहुँचने में
 
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कि अच्छा है कहीं नहीं पहुँच पाने की निस्बत
 
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खड़े रहना है एक ही जगह पर ।
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सारी लड़ाई अब इसी को लेकर
 
सारी लड़ाई अब इसी को लेकर
 
 
किस तरह टिके रहा जाए
 
किस तरह टिके रहा जाए
 
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एक ही जगह पर ।
एक ही जगह पर।
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22:27, 17 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

यह क़दमताल था
हर क़दमताल की तरह
एक ही जगह पर ।
झण्डा भी लहरा रहा था मुस्तैदी से
एक ही जगह पर ।
नेता भी खड़ा था
एक ही जगह पर
तमाम उपलब्धियाँ, तमाम सफलताएँ,
तरह-तरह के दस्तावेज़ों में
पेश हो रही थीं
एक ही जगह पर ।

कितना सुकून मिल रहा है
जिन्हें जल्दी थी कहीं पहुँचने की
इस सच्चाई तक आसानी से पहुँचने में
कि अच्छा है कहीं नहीं पहुँच पाने की निस्बत
खड़े रहना है एक ही जगह पर ।

सारी लड़ाई अब इसी को लेकर
किस तरह टिके रहा जाए
एक ही जगह पर ।