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"खाना-आबादी / साहिर लुधियानवी" के अवतरणों में अंतर
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(एक दोस्त की शादी पर) | (एक दोस्त की शादी पर) | ||
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तराने गूंज उठे हैं फजां में शादियानों के | तराने गूंज उठे हैं फजां में शादियानों के | ||
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हवा है इत्र-आगीं, ज़र्रा-ज़र्रा मुस्कुराता है | हवा है इत्र-आगीं, ज़र्रा-ज़र्रा मुस्कुराता है | ||
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मगर दूर, एक अफसुर्दा मकां में सर्द बिस्तर पर | मगर दूर, एक अफसुर्दा मकां में सर्द बिस्तर पर | ||
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कोई दिल है की हर आहट पे यूँ ही चौंक जाता है | कोई दिल है की हर आहट पे यूँ ही चौंक जाता है | ||
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मेरी आँखों में आंसू आ गए नादीदा आँखों के | मेरी आँखों में आंसू आ गए नादीदा आँखों के | ||
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मेरे दिल में कोई ग़मगीन नग्मे सरसराता है | मेरे दिल में कोई ग़मगीन नग्मे सरसराता है | ||
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ये रस्मे-इन्किता-इ-अहदे-अल्फत, ये हवाते-नौ | ये रस्मे-इन्किता-इ-अहदे-अल्फत, ये हवाते-नौ | ||
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मोहब्बत रो रही है और तमद्दुन मुस्कुराता है | मोहब्बत रो रही है और तमद्दुन मुस्कुराता है | ||
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ये शादी खाना-आबादी हो, मेरे मोहतरिम भाई | ये शादी खाना-आबादी हो, मेरे मोहतरिम भाई | ||
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मुबारिक कह नहीं सकता मेरा दिल कांप जाता है | मुबारिक कह नहीं सकता मेरा दिल कांप जाता है | ||
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13:13, 6 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
(एक दोस्त की शादी पर)
तराने गूंज उठे हैं फजां में शादियानों के
हवा है इत्र-आगीं, ज़र्रा-ज़र्रा मुस्कुराता है
मगर दूर, एक अफसुर्दा मकां में सर्द बिस्तर पर
कोई दिल है की हर आहट पे यूँ ही चौंक जाता है
मेरी आँखों में आंसू आ गए नादीदा आँखों के
मेरे दिल में कोई ग़मगीन नग्मे सरसराता है
ये रस्मे-इन्किता-इ-अहदे-अल्फत, ये हवाते-नौ
मोहब्बत रो रही है और तमद्दुन मुस्कुराता है
ये शादी खाना-आबादी हो, मेरे मोहतरिम भाई
मुबारिक कह नहीं सकता मेरा दिल कांप जाता है