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Kavita Kosh से
रपट लिखाने मत जाना तुम ये धंधा सरकारी है ।
तुमको पत्थर मारेँगे मारेंगे सब रुसवा तुम हो जाओगे
मुझसे मिलने मत आओ मुझपे फतवा जारी है ।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस मेँ में सब भाई हैँ
इस चक्कर मेँ मत पड़िएगा ये दावा अख़बारी है ।
भारतवासी कुछ दिन से रूखी रोटी खाते हैँ
पानी पीकर जीते हैँ हैं मँहगी सब तरकारी है ।
जीना है तो झूठ भी बोलो घुमा-फिरा कर बात करो
केवल सच्ची बातेँ बातें करना बहुत बड़ी बीमारी है ।
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