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"बातों बातों म्रें आज / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
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19:15, 21 अक्टूबर 2007 का अवतरण
बातों बातों में आज हम किस मुकाम पर आ गए
देखो, राम जी कैसे एक पूरी कौम पर छा गए
इन्सान कुशी का सिलसिला हिन्द में जो शुरू हुआ
देख उसे चंगेज़ खाँ, हिटलर, मुसोलिनी शरमा गए
नस्ली दरिन्दे और शैतान अट्टाहस पर अट्टाहस करें
हैवानों की गिरफ़्त में अब हिन्दुस्तानी भी आ गए
(2002)